विश्व पृथ्वी दिवस Vishav Prithvi Diwas 22 April World Earth Day

22 अप्रैल को ‘अर्थ डे’ मनाया जाता है जिसे हम ‘पृथ्वी दिवस’ भी कह सकते हैं।

इतिहास

22 अप्रैल को मनाए जाने वाले पृथ्वी दिवस की शुरुआत एक अमेरिकी सीनेटर गेलॉर्ड नेल्सन ने सांता बारबरा, कैलिफोर्निया में 1969 के भारी तेल रिसाव की बर्बादी को देखने के बाद की थी।



पहले पृथ्वी दिवस को ‘यूनाइटेड स्टेट्स एनवॉयरमेंट प्रोटेक्शन एजेंसी‘ की स्थापना हुई और क्लीन एयर, क्लीन वाटर एंड एंडेंजर्ड स्पीसेज(स्वच्छ वायु, स्वच्छ जल व लुप्तप्राय जीव) से जुड़े कानून को स्वीकृति दी गई।

पृथ्वी दिवस दुनिया के सबसे बड़े स्तर पर मनाए जाने वाले नागरिक कार्यक्रमों में से एक है, जो करीब 1 अरब लोग हर साल मनाते हैं। इस साल 45वां पृथ्वी दिवस मनाया जाएगा। उस पूरे सप्ताह और खासकर 22 अप्रैल को सभी वर्गों, धर्मों और राष्ट्रों के लोग मिलकर उत्सवों, रैलियों और पर्यावरण संबंधी गतिविधियों में शामिल होंगे जिससे सामुदायिक जागरूकता और आंदोलन को बढ़ावा मिलेगा।



पृथ्वी दिवस पर आप क्या कर सकते हैं?

इस महान अभियान में आप भी अपना योगदान दे सकते हैं, और सबसे बड़ी बात कि उसके लिए आपको कोई बहुत बड़ा त्याग नहीं करना है और ना ही कोई बहुत बड़ा कदम उठाना है। आप अपने छोटे-छोटे कामों से एक बड़ा बदलाव ला सकते हैं।

एक पेड़ लगाएं।
अपनी खुद की पानी की बोतल और अपना खुद का किराने का थैला साथ लेकर चलें।
शाकाहारी बनें।
स्थानीय स्तर पर उगाई जाने वाली सब्जियां खरीदें।
प्रिंट कम निकालें।
पैदल चलें, साइकल चलाएं।
याद रखिए कि पृथ्वी दिवस मनाने की जरूरत हर दिन है।


एक कहानी पानी की

 “एक जैन गुरु के बारे में एक बहुत सुंदर कहानी है। एशिया में आम तौर पर लोग ठंडे पानी से नहाते हैं, जैसे नदी में डुबकी लगाकर। कभी-कभार वे गरम पानी से नहा सकते हैं, जब वे किसी चौकी पर बैठते हैं और तेल लगाकर अच्छी तरह मालिश करवाते हैं। इसमें एक-दो लोग लगते हैं।

जैन गुरु के दो शिष्य उसे इस तरह स्नान करने में मदद कर रहे थे। स्नान के बाद थोड़ा सा पानी बच गया, जिसे शिष्यों ने फेंक दिया। इसे देखकर जेन गुरु ने एक छड़ी उठाई और उन दोनों को पीटना शुरू कर दिया। ‘तुमने वह थोड़ा सा पानी क्यों फेंका?’

 ‘वह थोड़ा सा पानी? आप क्या बात कर रहे हैं?’

 ‘हां! वह पानी तुम एक पौधे में डाल सकते थे।’

 ‘उससे क्या फर्क पड़ेगा,’ उसके शिष्यों ने पूछा। ‘अगर आप चाहें, तो हम पौधों में पानी डाल देंगे।’

 मगर मुद्दा यह नहीं है। मुद्दा यह है कि जिस धरती पर आप चलते हैं, जिस हवा में आप सांस लेते हैं, जिस पानी को आप पीते हैं, वे जिंदगी देने वाली चीजें हैं। आप कभी यह नहीं सोचते, ‘इस छोटी उंगली को काटकर फेंक दो’। अगर आप वाकई हर चीज को खुद में शामिल करना चाहते हैं, तो आपको सीखना चाहिए कि सभी चीजों को एक नजर से कैसे देखें। आपको इस बात के प्रति जागरूक होना चाहिए। यह बहुत अहम है।

यह बत्तियां जलाने या बुझाने की बात नहीं है। यह भोजन, जल या अर्थव्यवस्था बचाने की बात नहीं है। चेतनता के साथ जीना बहुत जरूरी है। आस-पास जो भी चीजें हैं, चाहे वह कोई पंखा हो या कोई लाइट, उसे पूरी चेतनता के साथ जलाएं और बुझाएं। यह बिजली या बल्ब के लिए नहीं, आपके लिए अहम है।”

Comments

Popular posts from this blog

जींद से हरिद्वार जींद पटियाला हरियाणा रोडवेज बस किराया नरवाना बसस्टैंड से टोहाना पटियाला चंडीगढ़ कैथल हिसार जींद बहादुरगढ़ दिल्ली बस टाइम टेबल पूरे हरियाणा के सभी बस स्टैंड के मोबाइल नंबर Busstand संपर्क केंद्र हरियाणा रोडवेज गांव नचार खेड़ा में उचाना जींद से उकलाना बरवाला हिसार बस टाइम टेबल Bus Time Table

भवन निर्माण मजदूरी कॉपी पर स्कॉलरशिप फॉर्म शुरू Scholarship Online Form on Labour Kapi online Application

भवन निर्माण मजदूरी कॉपी स्कीम अप्लाई के लिए दस्तावेज Labour Department BOCW Registration Offline Online Scheme Benifits