ईव एकेब्लड आलू से अल्कोहल बनाने वाली पहली महिला
ईव एकेब्लड का जन्म 10 जुलाई 1724 को हुआ था. आज 10.07.2017 उनका 293वां जन्मदिन है.
आलू के उपयोग से आटा और अल्कोहल बनाने के लिए ईव एकेब्लड को रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज में ज्वाइन किया गया. रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज में स्थान पाने वाली वो सबसे पहली महिला थीं.
स्वीडन में पहली बार साल 1658 में आलू आने शुरू हुए. तब लोग इसे इंसानों के खाने लायक नहीं मानते थे और जानवरों को खिलाने के लिए इस्तेमाल करते थे
एकेब्लड ने आलू की खेती की और उस पर प्रयोग शुरू कर दिया. एकेब्लड ने ये सुना था कि जर्मनी में आलू से अल्कोहल बनाई जाती है. साल 1746 में एकेब्लड ने यह खोज किया कि जानवरों को खिलाए जाने वाली इस सब्जी से आटा बनाया जा सकता है
24 साल की एकेब्लड ने अपनी खोज को रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज में जमा किया और इसके बाद उन्हें इस प्रतिष्ठित संस्थान में भर्ती कर लिया गया. इस खोज ने स्वीडेन के खाद्य संकट को खत्म करने में मदद की.
ईव एकेब्लड ने आलू से अल्कोहल जैसे कि वोदका, मूनशाइन और पोटैटो वाइन आदि बनाया. इससे पहले लोग अनाज से अल्कोहल बनाते थे. एकेब्लड की खोज के बाद अनाज से अल्कोहल बनाने की वर्षों पुरानी प्रथा खत्म हो गई और अल्कोहल बनाने के लिए अनाजों के स्थान पर आलू का प्रयोग होने लगा.
साल 1786 में एकेब्लड का देहांत होने के बाद रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने साल 1951 तक किसी भी दूसरी महिला का चुनाव नहीं किया.
आलू के उपयोग से आटा और अल्कोहल बनाने के लिए ईव एकेब्लड को रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज में ज्वाइन किया गया. रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज में स्थान पाने वाली वो सबसे पहली महिला थीं.
स्वीडन में पहली बार साल 1658 में आलू आने शुरू हुए. तब लोग इसे इंसानों के खाने लायक नहीं मानते थे और जानवरों को खिलाने के लिए इस्तेमाल करते थे
एकेब्लड ने आलू की खेती की और उस पर प्रयोग शुरू कर दिया. एकेब्लड ने ये सुना था कि जर्मनी में आलू से अल्कोहल बनाई जाती है. साल 1746 में एकेब्लड ने यह खोज किया कि जानवरों को खिलाए जाने वाली इस सब्जी से आटा बनाया जा सकता है
24 साल की एकेब्लड ने अपनी खोज को रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज में जमा किया और इसके बाद उन्हें इस प्रतिष्ठित संस्थान में भर्ती कर लिया गया. इस खोज ने स्वीडेन के खाद्य संकट को खत्म करने में मदद की.
ईव एकेब्लड ने आलू से अल्कोहल जैसे कि वोदका, मूनशाइन और पोटैटो वाइन आदि बनाया. इससे पहले लोग अनाज से अल्कोहल बनाते थे. एकेब्लड की खोज के बाद अनाज से अल्कोहल बनाने की वर्षों पुरानी प्रथा खत्म हो गई और अल्कोहल बनाने के लिए अनाजों के स्थान पर आलू का प्रयोग होने लगा.
साल 1786 में एकेब्लड का देहांत होने के बाद रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने साल 1951 तक किसी भी दूसरी महिला का चुनाव नहीं किया.
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