शहीद भगत सिंह लाइब्रेरी नचार खेड़ा Shahid Bhagat Singh Library Nachar Khera Jind Haryana India

दिनांक 15 अगस्त 2020

किताबें ज्ञान का भंडार होती है और यह ज्ञान जिंदगी के प्रत्येक रास्ते को खोलते हैं और बहुत अच्छे ढंग से जिंदगी के सफर को तय करने में उम्र भर साथ निभाता है। शिक्षा मानव को मानव बनाती है; नहीं तो खाना-पीना, सोना, कमाना, बच्चे पैदा करना और बच्चों को पालना यह सब तो पशु और पक्षी भी अनपढ़ रह कर भी कर लेते हैं। किताबें मनुष्य के दिमाग के कपाट को खोलते हैं यह सिर्फ ज्ञान का भंडार नहीं बल्कि सबसे अच्छे और सच्चे मित्र भी होती हैं। आज के डिजिटल और मोबाइल युग में बहुत सी झूठी अफवाहों भरे और एक काल्पनिक बातें बच्चों के दिमाग पर बुरा असर डालती हैं अतः यह अति आवश्यक है की ज्ञानवर्धक लाभदायक और अच्छी पुस्तकों का चयन किया जाए और इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए अपने सुंदर हरे-भरे और छोटे से गांव नचार खेड़ा में 15 अगस्त 2019 को शहीद भगत सिंह लाइब्रेरी की स्थापना की गई थी।


15 अगस्त 2020 को शहीद भगत सिंह लाइब्रेरी नचार खेड़ा की प्रथम सालगिरह । वर्षगांठ मनाई गई। इस अवसर पर गांव के युवा और शिक्षक गण उपस्थित हुए। इस अवसर पर स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष में सबसे पहले तिरंगा फहराया गया और उसके बाद तात्कालिक सामाजिक मुद्दों पर बातचीत की गई और आगामी निकट भविष्य की रणनीति तय की गई कि शिक्षा के प्रति बच्चों के रुझान को कैसे बढ़ाया जाए और 15 अगस्त 2019 से अब तक पूरे 1 वर्ष के दौरान पढ़ने वाले स्कूल कॉलेज के विद्यार्थियों और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले उम्मीदवारों पर इस लाइब्रेरी के लाभ पर भी चर्चा की गई।

 आज के डिजिटल युग में लाइब्रेरी को और अधिक पढ़ने योग्य और ज्ञान प्रदान करने हेतु अधिक उपयोगी बनाने एवं आगे के लिए भी कुछ प्रारूप तैयार किए गए और उन पर कार्य शुरू हुआ। लाइब्रेरी के शांत व एकांत माहौल में पढ़ने की इच्छा रखने वाले छात्र-छात्राएं अपने कीमती समय का सही सदुपयोग कर पाते हैं व आगे भी उनके लिए इस लाइब्रेरी को और अधिक सुविधाजनक और ज्ञानवर्धक भंडार बनाया जाएगा।

 इस किताबों के भंडार को बढ़ाने और प्रत्येक ग्रामीण तक पहुंचाने बारे विचार विमर्श हुआ और अन्य सामाजिक मुद्दों पर भी तर्क वितर्क किया गया। निर्णय लिया गया कि प्रत्येक रविवार को गांव के युवा समय निकालकर लगभग 1 घंटे के लिए लाइब्रेरी में अवश्य पहुंचे और पढ़ने वाले विद्यार्थियों और कंपीटीशन की तैयारी करने वाले प्रतियोगियों की आवश्यक जरूरतों बारे डिस्कस करें और उन तक अच्छी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षण सामग्री पहुंचाने में सहयोग करें और साफ-सफाई जैसे अन्य सामाजिक कार्यों में भी हिस्सा लें और वातावरण को शुद्ध बनाने के लिए पेड़ पौधों लगाने और उनकी देखभाल तथा पालन पोषण संबंधी कार्यों में भी रूचि दिखाएं।








गांव में नचार खेड़ा के युवाओं की मेहनत और लग्न से गांव में पुस्तकालय की स्थापना का सपना साकार होने जा रहा है सभी ग्रामीण इसमें बढ़-चढ़कर भाग ले और आपसे निवेदन है कि जितना ज्यादा से ज्यादा हो सके अपना योगदान दें  यह आप के बच्चों के भविष्य के लिए एक बेहतर प्लेटफार्म तैयार करने में मददगार साबित होगा और बहुत ही निकट भविष्य में इसके अच्छे परिणाम भी देखने को मिल जाएंगे तो मेरा आप सभी से अनुरोध है कि सभी ग्रामवासी इस सार्वजनिक और सामाजिक काम में अपनी भागीदारी दिखाएं

शहीद भगत सिंह लाइब्रेरी नचार खेड़ा
Shahid Bhagat Singh Library Nachar Khera Jind Haryana India

किसी भी सभ्य मानव की जिंदगी में किताबों का अत्यधिक महत्व होता है और किताबों का भंडार होता है पुस्तकालय में तो आज के वक्त में विकास के एक निशानी के तौर पर जाना जाता है पुस्तकालय यानि कि लाइब्रेरी को जो कि ज्ञान का अथाह भंडार होता है

ऐसे ही गांव में नचार खेड़ा के ग्रामीणों ने मिलकर अपने गांव में लाइब्रेरी की स्थापना करने की ठानी और इस प्रयास में कार्यरत हैं

किताबों के महत्व को प्रदर्शित करती सफदर हाशमी की एक बहुत ही प्रसिद्ध और सरल कविता


किताबें कुछ कहना चाहती हैं – सफ़दर हाश्मी

किताबें करती हैं बातें
बीते ज़मानों की
दुनिया की, इंसानों की
आज की, कल की
एक-एक पल की
ख़ुशियों की, ग़मों की
फूलों की, बमों की
जीत की, हार की
प्यार की, मार की
क्या तुम नहीं सुनोगे
इन किताबों की बातें?
किताबें कुछ कहना चाहती हैं।
तुम्हारे पास रहना चाहती हैं॥
किताबों में चिड़िया चहचहाती हैं
किताबों में खेतियाँ लहलहाती हैं
किताबों में झरने गुनगुनाते हैं
परियों के किस्से सुनाते हैं
किताबों में राकेट का राज़ है
किताबों में साइंस की आवाज़ है
किताबों में कितना बड़ा संसार है
किताबों में ज्ञान की भरमार है
क्या तुम इस संसार में
नहीं जाना चाहोगे?
किताबें कुछ कहना चाहती हैं।
तुम्हारे पास रहना चाहती हैं॥

- सफ़दर हाश्मी (1954-1989)


अपने बच्चों के भविष्य को देखते हुए यदि आप भी शहीद भगत सिंह पुस्तकालय की स्थापना में योगदान करना चाहते हैं तो आप मास्टर बिजेंदर 9466454383, और नीता 8221828275 से संपर्क कर सकते हैं

 गांव नचार खेड़ा में लाइब्रेरी की स्थापना के लिए जो अपना किमती समय और श्रमदान करते हुए गांव के प्रतिष्ठित युवा और ग्रामीण निस्वार्थ भाव से मेहनत और लगन से इस ज्ञान रूपी मंदिर की स्थापना में अपना अमूल्य योगदान देने के लिए तत्पर रहते हैं तो उनकी एक फोटो


 उम्मीद करते हैं और जो भी युवा साथी सब पढ़ाई से प्यार करते हैं अपने गांव और देश के लिए सब की बेहतरी के लिए काम करना चाहते हैं वह भी अपना अमूल्य योगदान व भागीदारी, इस शहीद भगत सिंह लाइब्रेरी की स्थापना में अवश्य करेंगे

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