किसान आंदोलन की ताकत और नतीजे पढ़िए देखिए आगे भेजिए
👊👊👊किसान आंदोलन जीत की ऒर अग्रसर है लेकिन जीत की घोषणा से पहले ही किसानों ने पूरे देश की जनता का दिल जीत लिया।
👏👏किसान आंदोलन की ताकत।🙏🙏
👊👊👊 1-सरदार वल्लभ भाई पटेल ने देश की सभी रियासतों का एकीकरण किया लेकिन किसान आंदोलन ने देश के सभी जाति-धर्मों, अमीर-गरीबों के दिलों का एकीकरण कर दिया।ऐसा लगता है देश में न कोई जाति है,न कोई धर्म है,न कोई ऊंचा है,न कोई नीचा है,न कोई गरीब है और न कोई अमीर है।पहली बार लगा कि यह सब भारतीय है।
👊👊👊 2-किसानों की खोई हुई ताकत को फिर से जिंदा कर दिया।
👊👊👊 3- इंसानियत ही सबसे बड़ा धर्म है यह सिक्खों ने पूरे विश्व को बता दिया।
👊👊👊 4- देशभक्तों व गद्दारों की पहचान देश की जनता को करवा दी।
👊👊👊 5- शहरों की चकाचौन्द में भारतीय संस्क्रति व संस्कार लुप्त हो गये थे।भारत से इंडिया बने देश को फिर से भारत बना दिया।
👊👊👊 6- सात साल से देश में हिन्दू-मुस्लिम, पाकिस्तान-पाकिस्तान खेलने वालों को क्लिनबोल्ड कर दिया।नफरत की खेती करने वालों की जड़ों में तेजाब डालकर नष्ट कर दिया।
👊👊👊 7- तीन महीने से लंबे समय से चल रहे आंदोलन में अनुशासन को देखकर विश्व चकित है। किसान आंदोलन ने यह सिद्ध कर दिया कि संविधान व देश के प्रति आस्था किसान से ज्यादा किसी में नहीं है।
👊👊👊 8- पिछले 7 साल से बेलगाम सत्ता को लगाम लगाकर खूंटे से बांधने की हिम्मत सिर्फ किसान में है।
👊👊👊 9- करोना जैसी महामारी का भय खत्म करके उसे कच्चा चबा गये।
👊👊👊 10- लोकतंत्र के चारों स्तंभों को नंगा कर दिया।
👊👊👊 11- लोकतंत्र के चारों स्तंभों के साथ साथ इन सब के मालिक कॉरपोरेट घरानों को मिमियाने पर मजबूर करके किसानों ने यह सिद्ध कर दिया कि लोकतंत्र में किसानों से बड़ा कोई स्तंभ नहीं है।
👊👊👊 12- किसान आंदोलन ने एक तरफ मुख्य मीडिया को धरासायी कर दिया तो दूसरी तरफ सोसल मीडिया व यूटूबरों की अहमियत को बढ़ा दिया।
👊👊👊 13- किसान नेताओं की प्लानिंग ने सरकार के सभी षड्यंत्रों को नाकाम करके यह सिद्ध कर दिया कि सरकार डाल डाल चलना जानती है जबकि किसान पत्ते पत्ते से वाकिब है।
👊👊👊 14-सरकार के साथ वार्ता में नपे तुले शब्दों के साथ बात करके किसान नेताओं ने यह सिद्ध कर दिया कि चाहे आईएएस परीक्षा पास न की हो लेकिन ज्ञान के मामले में पीएचडी हैं।
👊👊👊 15- देश के जवानों के साथ अपनापन किसान नेताओं की प्लानिंग का हिस्सा है।पुलिस के जवानों को इतना मानसम्मान व प्यार पहले किसी आंदोलन में नहीं मिला।जवानों को यह अहसास करवा दिया कि आप हमारे बेटे हो।
👊👊👊 16-किसान आंदोलन में भाग लेने वाले प्रत्येक किसान के साहस,दृढ़ता,मजबूत इरादों,सेवा व समर्पण के भाव के कारण सरकार एक भी कमजोरी नहीं ढूंढ पाई।किसी से भी पूछो तो एक ही बात कहता है।बिल वापिस हुये बगैर घर वापिस नहीं जायेंगे।
👊👊👊 17- किसान आंदोलन में महिलाओं की उपस्तिथि ने यह सिद्ध कर दिया कि महिलाये किसी से कम नहीं है जरूरत पड़ने पर प्रत्येक महिला माता गुजरी,महारानी किशोरी व अमृतादेवी बन सकती है।
👏👏"किसान आंदोलन की ताकत"🙏🙏
👊👊👊1-विश्व पटल पर छाने वाला किसान आंदोलन।
👊👊👊 2- किसी आंदोलन को विदेशी शासकों का समर्थन। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने किसान आंदोलन का समर्थन किया व ब्रिटेन के 100 सांसदों ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को पत्र लिखकर किसान आंदोलन का समर्थन करने को कहा।
👊👊👊3-किसान आंदोलन की गूंज UNO में।
👊👊👊 4-विश्व के 20 देशों में भारतीय दूतावास के आगे किसान आंदोलन के समर्थन में प्रदर्शन।
👊👊👊5-विश्व में कहीं पर भी भारतीय किसान का बेटा रहता हो तो उसको भी अपनी जड़ों का अहसास हो गया।वो सब अपनी जड़ों की तरफ लौट आये।किसान आंदोलन का समर्थन किया।
👊👊👊 6-सात साल में पहलीबार किसान आंदोलन ने बीजेपी IT सेल की बोलती बंद की।
👊👊👊 7- सात साल में बीजेपी के खिलाफ बोलने वालों को देशद्रोही व गद्दार का प्रमाणपत्र बांटने वाले खुद देशद्रोही व गद्दार घोषित हुये।
👊👊👊 8-पिछले सात साल से धुंआधार झूठ बोलने वाले प्रधानमंत्री जी की बोली लड़खड़ाने लगी।
👊👊👊 9- सात साल में निरंकुश होकर मनमर्जी करने वाली बीजेपी को पहलीबार अपने कार्यक्रम करते हुये डर लगने लगा।
👊👊👊10-सात साल तक डरा धमकाकर आंदोलनकारियों को घरों में बंद करने वाली बीजेपी को पहलीबार घर से बाहर निकलते हुये डर लगने लगा।
👊👊👊 11- देश के किसी मुख्यमंत्री के हेलीकॉप्टर को हवा में ही बेक गेयर लगाकर बिना सभा के वापस भागना पड़ा।
👊👊👊 12- आजादी के बाद सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी के सदस्य को कमेटी छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा।
👊👊👊 13- देश में पाकिस्तानी,खालिस्तानी, गदार, टुकड़े टुकड़े गैंग के गोला दागने वाली बीजेपी की तोप का मुंह घूमकर बीजेपी की तरफ पहलीबार हुआ है।
🙏🙏🙏कुल मिलाकर किसान आंदोलन हक की लड़ाई है इसीलिय दिनोदिन नया इतिहास लिख रहा है और यही जोश किसानों में बरकरार रहा तो 26 जनवरी की किसान टेक्टर परेड देश में देशभक्ति को चरम तक पहुंचाकर देश में नया इतिहास रचेगा।
"26 जनवरी,दिल्ली चलो !"
दिनांक 14 दिसंबर 2020 को गांव नचार खेड़ा, दुर्जनपुर और उदयपुर से दूध इकट्ठा करके दिल्ली किसान आंदोलन के लिए भेज रहे हैं
घर पर सिर्फ बच्चों व चाय के लिए रखकर सुबह का पूरा दूध किसानों के समर्थन में दान कर सकते हैं
सौजन्य से - सभी किसान व ग्रामीण
बहुत ही बढ़िया युवाओं से जितनी उम्मीद थी उससे भी ज्यादा बढ़ चढ़कर भाग ले रहे हैं किसान आंदोलन में
सभी अपने अपने तरीके से इसमें अपना योगदान दे रहे हैं किसान मजदूर व्यापारी दुकानदार कलाकार खिलाड़ी और हर भारतीय जो भी इस जन आंदोलन में योगदान दे रहे हैं सब बधाई के पात्र हैं और एकजुटता दिखाने का यही सबसे बढ़िया समय है
आदरणीय सर्व कर्मचारी संघ के सदस्य गण
यदि सिर्फ धरने और प्रदर्शन से काम चल जाता तो शायद कभी भी बंद की नौबत नहीं आती और आम जनता को इतनी परेशानी नहीं होती
इसलिए धरना प्रदर्शन के बजाए पूर्ण बंद करना होगा
क्योंकि हमें तो रोज की परेशानी है कभी तो इन नेताओं तक भी परेशानी पहुंचनी चाहिए
इन का दूध पानी बिजली इंटरनेट सब कुछ बंद होगा तभी काम चलेगा
किसानों के समर्थन में नचार खेड़ा में पूर्ण बंद
एंबुलेंस को छोड़कर बाकी किसी भी साधन को नहीं जाने दिया जा रहा है
और आम जनता इसमें बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं और अपना योगदान दे रहे हैं
आप भी अपना योगदान दिजियेगा
8 दिसंबर 2020 को दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में भारत बंद के आवाहन पर सबसे पहले गांव ने नचार खेड़ा के ग्रामीणों ने शुरुआत की सुबह 7:30 बजे ही ग्रामीणों ने बैलगाड़ी बुग्गी और अपने ट्रैक्टर रोड पर खड़े करके रोड जाम कर दिया।
किसानों के समर्थन में भारत बंद की शुरुआत सबसे पहले गांव नचार खेड़ा से |
उचाना न्यूज़ द्वारा डाली गई भारत बंद की गांव में नचार खेड़ा की तस्वीर |
इसके बाद चारपाई करोड़पति ले आए और हुक्का भर कर बैठ गए जो भी सरकारी बसें और अन्य परिवहन के साधन आए किसी को भी आगे नहीं जाने दिया गया उचाना से उकलाना बरवाला और हिसार रोड पर बिल्कुल बंद कर दिया गया था सुबह में ही खुद अपने गांव के लोग जो खेतों की ओर जा रहे थे वह भी इस धरने में शामिल हो गए और वहीं रोड पर बैठ गए और अपने ट्रैक्टर और गाड़ी वहीं खड़ी कर दी सिर्फ एंबुलेंस और आपातकालीन साधनों को ही आगे जाने दिया गया सभी लोगों का समर्थन प्राप्त था और गांव से नौकरी पर जाने वाले कर्मचारी और दुकानदारों व्यापारियों आदि ने भी समर्थन किया और वहीं पर बैठ गए आप देख सकते हैं कुछ तस्वीरें गांव में नचार खेड़ा मैं किसान समर्थन में धरने की 8 दिसंबर भारत बंद दिन में पुलिस की गाड़ी भी आई रोड खुलवाने के लिए परंतु ग्रामीणों ने शांतिप्रिय ढंग से साफ मना कर दिया कि हम किसानों के साथ हैं और हम शांतिपूर्ण ढंग से भारत बंद में अपना योगदान दे रहे हैं तो पुलिस के गाड़ी दूसरे रास्ते से पड़ोसी गांव दुर्जनपुर पहुंची और वहां से कुछ मौजूद लोगों को लेकर आई तब उन लोगों ने गांव में चार खेड़ा के ग्रामीणों को समझाया कि हमें बंद नहीं करना चाहिए परंतु गांव में चार खेड़ा के युवाओं ने इस बात पर विरोध किया कि जब करो ना कॉल था 3 महीने भारत बंद रहा तब तो आपको नफे नुकसान की नहीं सोची और अब आप बात कर रहे हैं कि भारत बंद से अपने लोगों को दिक्कत होती है नुकसान होता है और जब हमारे गांव के लोग दवा लेने के लिए जा रहे थे उनको भी नहीं जाने दिया गया तो उनके पास इस बात का कोई जवाब नहीं था और वह चले गए और गांव में चार खेड़ा के ग्रामीणों ने बहुत ही शांतिप्रिय ढंग से और इस किसान आंदोलन में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया और सभी ग्रामीण और खासकर युवा और कर्मचारी लोग जॉकी अपना अपना खुद का काम करते हैं दुकानदार लोग सभी इसमें अपनी भागीदारी निभाई और सब बधाई के पात्र हैं।
Nachar Khera Jind Strike movement against government
गांव में नचार खेड़ा के लोगों ने की भारत बंद की शुरुआत
Comments
Post a Comment